
रूस के आगे कमजोर पड़ा यूक्रेन
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन की जंग अभी खत्म होती नहीं दिख रही है। यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले करके रूस अपने और कड़े तेवर दिखा रहा है। इसी बीच मारियुपोल के एक बड़े इस्पात संयंत्र में 1000 यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। रूस ने बुधवार को इस बात का दावा किया। इस घटनाक्रम के बाद बंदरगाह शहर मारियुपोल में लड़ाई खत्म होती दिखाई दे रही है। इस बीच यूक्रेन में युद्ध अपराध के मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे रूसी सैनिक ने एक आम नागरिक की हत्या करने का आरोप स्वीकार कर लिया और उसे कारावास की सजा हो सकती है।
अनिश्चितता के भंवर में अटके यूक्रेन के सैनिक
चेक गणराज्य की सरकार ने फिनलैंड और स्वीडन के नाटो की सदस्यता के लिए अनुरोध प्रस्तुत किए जाने के कुछ ही घंटों बाद सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दे दी। यूक्रेन ने अपने लड़ाकों को अपनी जान बचाने का आदेश दिया और कहा कि रूसी सैनिकों का मुकाबला करने का उनका मिशन अब पूरा हो गया है, लेकिन संयंत्र से बाहर निकल रहे सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए नहीं कहा। इसके चलते, यूक्रेनी सैनिकों का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है।
यूक्रेन का कहना है कि वह युद्ध बंदियों की अदला-बदल की उम्मीद कर रहा है जबकि रूस उनमें से कुछ पर युद्ध अपराध की कार्रवाई करने की सोच रहा हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि संयंत्र के अंदर कितने लड़ाके शेष रह गये हैं। वहीं, यूक्रेन का यह शहर काफी हद तक मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है।
मलबे में बदल चुका है मारियुपोल शहर
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि मारियुपोल शहर में यूक्रेन के कब्जे वाले आखिरी क्षेत्र में छुपे करीब एक हजार यूक्रेनी सैनिक वहां से चले गए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनशेनकोव ने बुधवार को कहा कि सोमवार से 959 यूक्रेनी सैनिक अजोवस्तल इस्पात संयंत्र को छोड़ कर चले गये हैं।
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