
ISRO ने सफलतापूर्वक पूरी की गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग
लखनऊ। तकनीकी दिक्कतों की बाधा को पार करते हुए इसरो ने आज एक बार फिर अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। अपने मानव रहित गगनयान मिशन की टेस्ट लॉन्चिंग को इसरो ने सफलतापूर्वक पूरा किया। सुबह 10 बजे श्रीहरिककोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) को लॉन्च किया गया। इस व्हीकल ने 17 किमी की उंचाई से क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को छोड़ दिया। फिर पैराशूट के जरिए सफलतापूर्वक क्रू मॉड्यूल सिस्टम को समंदर में उतारा गया।
इसरो चीफ ने मिशन की सफलता का किया ऐलान
इसरो चीफ ने मिशन की सफलता का ऐलान किया उन्होंने कहा कि क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की गई। मौसम खराबी के बाद लिफ्ट प्रॉसेस में कंप्यूटर ने इंजन में आई खराबी को इंगित किया और इसरो की टीम ने तत्काल उसे दुरुस्त किया और हमने इसे सफलता पूर्वक पूरा किया।
शुरुआती बाधाओं के बाद मिली सफलता
दो घंटे की देरी और टीवी-डी1 इंजन के शुरुआत में तय प्रक्रिया के तहत चालू नहीं हो पाने के बाद पैदा हुई घबराहट के बीच इसरो के वैज्ञानिकों ने रॉकेट का सटीक प्रक्षेपण किया। यान के ‘क्रू मॉड्यूल’ एवं ‘क्रू एस्केप’को अलग करने का लक्ष्य हासिल करते ही श्रीहरिकोटा स्थित मिशन नियंत्रण केंद्र में सांसें थाम कर बैठे वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। इसरो ने घोषणा की कि टीवी-डी1 मिशन पूरी तरह सफल रहा। तय योजना के अनुसार पेलोड बाद में समुद्र में सुरक्षित तरीके से गिर गए।
टेस्ट के आधार पर शुरू होगा गगनयान कार्यक्रम
इसरो ने एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे कदम बढ़ाया। इसरो का लक्ष्य तीन दिनों के गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और फिर उसे पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।
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