
बिना नंबर प्लेट वाले ओवरलोड ट्रकों की कैसे? हो जाती है इंट्री
"विजुअल लाइव" - सीरीज-3
खनन वाले ट्रकों में नहीं होता नम्बर प्लेट, फिटनेस बगैर दौड़ रही हैं गाड़िया
संतोष कुमार सिंह
लखनऊ। ओवरलोड ट्रकों को पास (इंट्री) कराने वाले खनन माफिया खनन व आरटीओ अधिकारियों से सांठ-गांठ कर धनउगाही तो कर ही रहे हैं शहरवासियों की जान जोखिम में भी डाल रहे हैं। "विजुअल लाइव" की पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गोरखपुर मंडल में पैसा देकर इंट्री करने वाले ओवरलोड ट्रकों में नंबर प्लेट टंगा ही नहीं रहता है। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि शहर में इंट्री करने वाले 60 फीसद ओवरलोड ट्रकों के पास ना ही फिटनेस के कागजात रहते हैं और ना ही ट्रक पर उनका रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट टंगा रहता है। और तो और कई ट्रकों के पास रॉयल्टी और अधिकृत परमिट भी नहीं रहता है। बावजूद इसके ऐसे ट्रकों की इंट्री हो जाती है। "विजुअल लाइव" की पड़ताल में इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि भारी भरकम चालान से बचने के लिए ट्रक संचालकों या तो ट्रक से नंबर प्लेट हाटा देते हैं या फिर किसी और गाड़ी का नंबर प्लेट लगा देते हैं। इस बात की भी जानकारी मिली है कि एक ही नंबर की दो-दो तीन-तीन ट्रक अलग-अलग जनपदों में चल रहीं हैं।
नंबर प्लेट के बिना संभव नहीं है इनकी ट्रैकिंग
लखनऊ। आए दिन ट्रक दुर्घटनाओं से रही मौतों की खबरें सुनने को मिलती हैं। शहर में इंट्री करते ही ट्रक कब किसे मौत के घाट उतर दें कोई नहीं जनता। नंबर प्लेट के बिना दुर्घटना कर भाग रहे ट्रक की टैªकिंग करना संभव नही है। ओवरलोड, फिटनेस, रॉयल्टी और अधिकृत परमिट के कारण होने वाले भारी भरकम चालान से बचने के लिए ज्यादातर ट्रकों में नंबर प्लेट टंगा नहीं रहता है जिसका खामियाजा आम जनता और पुलिस को उठाना पड़ता है। ट्रक से हो रही दुर्घटनाओं में पुलिस को नंबर प्लेट ना होने के कारण अज्ञात के खिलाफ मुकदमा लिखना पड़ता है। पुलिस के एक बड़े अधिकारी इस मामले को गंभीर बताते हैं, उनका कहना है कि अब तो हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगाना जरूरी हो गया है।
गोरखपुर ट्रक आपरेटर्स एसोसिएशन ने लिखा सीएम को पत्र
लखनऊ। गोरखपुर ट्रक आपरेटर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ओवरलोड ट्रकों पर रोक लगाए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री के नाम प्रेसित एक पत्र में एसोसिएशन ने कहा कि कुशीनगर और देवरिया के रास्ते विहार से मौरंग लदे ओवरलोड ट्रकों की शहर में इंट्री हो रही है। इन गाड़ियों के पास कोई पेपर नहीं होता। ट्रक मानक से तीन गुना लोड लेकर आते हैं। जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारी वृज विहारी सिंह, मनोज कुमार, अशोक यादव, श्रीकिशुन यादव, कुलदीप सिंह, विनोद दुबे, राजेन्द्र वर्मा, सतीश सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले शिकायती पत्र में यह भी कहा गया कि है कि जो लोग अंतरराज्यीय ट्रांजिट पास (आईएसटीपी) कटवा कर आते हैं उन गाड़ियों का परेशान किया जाता है।
माइन टैग के बिना नहीं चलेंगी गाड़िया
लखनऊ। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशल के ज्वाइंट डायरेक्टर जय प्रकाश ने बताया कि बालू-मौरंग और मिट्ी के अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए माइन टैग अनिवार्य कर दिया गया है। विभान ने इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस सिस्टम के लिए स्थाई कमांड सेंटर स्थापित किए हैं। इसमें सॉफ्टवेयर के जरिए खनिज प्रक्रियाओं पर निगरानी रखी जाती है। संयुक्त निदेशक ने कहा कि खनिज संपदा की ढुलाई करने वाले सभी वाहनों पर आरएफआईडी टैग भी लगाया जा रहा है। बिना नंबर प्लेट के ओवरलोड ट्रकों की इंट्री के सवाल पर संयुक्त निदेशक ने जय प्रकाश ने बताया कि माइन टैग लगाते समय वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, वाहन स्वामी के पहचान पत्र की कॉपी और पते का प्रमाण देना जरूरी है। कई बार यह खामियां सामने आती हैं कि गाड़ी में लगा माइन टैग स्केन नहीं करता। या फिर नंबर गलत बताने लगता है। इसको सुधारने की प्रक्रिया चल रही है।
Mob- 9415810894, 9415905858 (Santosh Kumar Singh)
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