संभल: डॉक्टरों के न होने से रेफर सेंटर बना सीएचसी
गुन्नौर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिलने के दो दशक बाद भी यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। ऐसे में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे हो रहा है। हादसे के घायलों और बीमारियों के गंभीर मरीजों को रेफर किया जा रहा है। गुन्नौर की जनता चाहती है कि चुनावी मौसम में नेता उनकी इस समस्या के समाधान का भरोसा दें।
वर्ष 2005 में जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उच्चीकृत किया गया तो लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की आस जगी पर दो दशक के बाद भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी है। गुन्नौर का सीएचसी कहने को तो 30 शैय्याओं का अस्पताल है लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा है। सीएचसी के मानक के अनुसार, फिजीशियन के साथ ही हड्डी रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ आदि की तैनाती होनी चाहिए मगर अभी तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। नतीजतन अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को रेफर स्लिप थमा दी जाती है। प्रभारी अधीक्षक डॉ. पवन कुमार सिंह का कहना है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेजा गया है।
हर महीने 50 से अधिक मरीज हो रहे रेफर
सीएचसी पर अस्थि रोग विशेषज्ञ की तैनाती न होने से आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है। चिकित्सक के अभाव में हर महीने औसतन पचास से अधिक मरीजों को रेफर करना पड़ता है। बताते चलें कि नगर क्षेत्र से होकर आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे के अलावा मेरठ-बदायूं स्टेट हाइवे भी गुजरा है। अति व्यस्त सड़क मार्गों पर आये दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। हादसों में अधिकांश लोग हड्डियों के फ्रैक्चर के शिकार हो जाते हैं। सीएचसी पर अस्थि रोग विशेषज्ञ के अभाव में ऐसे घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद ज्यादातर जिला चिकित्सालय संभल या फिर अलीगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया जाता है। जिससे मरीजों के तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).